Author Name
Dharmendra Mishra (Author)
Introducing the captivating life story of Dharmendra Mishra, a visionary Indian author and philosopher whose literary works have left an indelible mark on the world of Hindi literature. Born in Madhya Pradesh, Dharmendra's journey from a small town to becoming a celebrated author is a testament to his passion for storytelling and profound philosophical insights.As an author, Dharmendra's literary prowess shines through in his thought-provoking novels and stories, including "Khujli-Mujli: Comic Series" Horror Novel "Ghost Hunter; Maut ki Davat," Science Fiction Novel "Muhana Series " Crime Thriller Novel "Dayra" Psychology book "Dharnavad; Amurt Darshan," "Kahani Sansar,"and many more. Through his works, he delves deep into human philosophy as well as Science fiction, shedding light on societal issues and advocating for social equality and justice.Beyond the written word, Dharmendra has ventured into screenwriting for web series and composed devotional songs that resonate with audiences across various audio platforms. His collaboration with BuCaudio Pvt. Ltd. has further expanded his reach, bringing his stories to life through engaging audio formats on platforms like YouTube and popular podcasts.Dive into the inspiring journey of Dharmendra Mishra, a literary luminary dedicated to enriching Hindi literature with his insightful storytelling and unwavering commitment to social progress. Experience the essence of his works, which serve as a mirror reflecting the realities and complexities of Human nature like Horror, humor and tragedy . Explore the world of Dharmendra Mishra and be inspired by the power of words to shape minds and ignite change. Other notable things he is actively part of reginal movies and Audio Podcasts Industry . He is continuously working actively to enrich and strengthen Hindi literature. reflects the reality and bitter truth of the Indian society, a new direction for the society, the path to a progressive. Where there is social equality, equal rights, no untouchability, equal opportunities available to all. ...............................................................................................................................................................साहित्य को जीवन का दर्पण कहा जाता है, यह जीवन दर्पण कितना उजला है भाव और अभियक्ति से ही मालूम पड़ता है। धर्मेंद्र मिश्रा हिंदी विधा के एक ऐसे उपन्यासकार, कहानीकार हैं जो मध्य प्रदेश के रीवा जिले से ताल्लुक रखते हैं। प्रारम्भिक शिक्षा रीवा से ही प्राप्त करने के पश्चात उच्च स्तरीय शिक्षा इंदौर से प्राप्त किया। कई प्राद्दोगिक संस्थानों पे नौकरी की लेकिन बचपन से ही उनका मन साहित्य से जुड़ा रहा। समय के साथ अपने जीवन को साहित्य की ओर आकर देते रहे। जिनकी रचनाएँ जीवन के हर पहलू को छूती है, भाव में एक गहराई है मर्म है, संवेदना है जो सीधा दिल से निकलती है और दिल में ही उतरती है। कल्पनाओं का एक ऐसा आकाश जहाँ अवसाद का धुंध है तो हर्ष रूपी चांदनी की शीतलता है। सुबह की उजली किरण जो जीवन को एक नई राह दिखाती है तो वहीँ अस्ताचल जीवन का अवसान भी है। बहुत कुछ भी कुछ ही है जब संभावनाओं का अनंत आकाश हमारे सामने हो। धर्मेंद्र मिश्रा की कुछ चुनिंदा रचनाओं का जिक्र करेंगे जो लोगों को बहुत पसंद आई,लेखक के तौर पर एक नई पहचान मिली। हालिया प्रकाशित उपन्यास "घोस्ट हंटर ;मौत की दावत " ये एक हॉरर उपन्यास है जो फ्रेश थोड़ा हटके ख़ास विषय पर आधारित है। पढ़ते समय दिमाग को पूरी तरह झकजोड़ कर रख देती है। वहीँ "दायरा" यह एक सामाजिक और राजनीतिक परिवेश पर आधारित थ्रिलर उपन्यास है ,पात्रों के माध्यम से प्यार मोहब्बत ,अमीरी-गरीबी ,जात-पात जैसी जीवन की धारणाएं ,ज्वलंत मुद्दे पर आधारित है जिसे रहस्य और रोमांचक तरीके से दर्शाया गया है। ये उपन्यास भारतीय समाज की वास्तविकता और कड़वी सच्चाई को दर्शाता है, जैसे प्यार अमीर मानसिकता है ,'गरीबों के लिए महज छलावा' जैसे मालुम पड़ता है। जहाँ पहले सामाजिक समानता ,बराबरी का अधिकार हो ,छुआछूत न हो ,सबके लिए समान अवसर उपलब्ध हों। समाज को एक नई दिशा ,उन्नत और समृद्ध कैसे बनाया जाए मार्मिक ढंग से पात्रों के माध्यम से अभियक्त किया गया है। एक और प्रकाशित उपन्यास" मुहाना" की बात करते हैं; यह एक विज्ञान पर आधारित फैंटेसी है जो समय से कई हजार वर्ष आगे की दुनिया को दर्शाता है। यह उपन्यास सीरीज है जो दो भागों में प्रकाशित है मुहाना भाग -1 माया जाल , मुहाना भाग -2 रोमन साम्राज्य। आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस क्वांटम फिजिक्स की अवधारणा पर बल देती है। प्रायोगिक वैज्ञानिक जीवों से भरी दुनिया जहाँ पात्रों के माध्यम से ऐसा जाल बुनती है जहाँ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दुनिया में भेद कर पाना बहुत ही मुश्किल जान पड़ता है। विज्ञान पर आधारित एक ऐसी फैंटेसी पुस्तक है जो पाठक को एक अलग ही रोमांच का अनुभव देता है। वहीँ एक और कहानी संग्रह की पुस्तक "कहानी की दुनिया "प्रकाशित है जो दर्जनों कहानियों के संग्रह से तैयार की गई है। जिसमें कुछ कहानियाँ सामाजिक ग्रामीण परिवेश पर तो कुछ कहानियाँ शहरी परिवेश पर आधारित, मजेदार गुदगुदाने वाली तो कुछ रुलाने वाली हैं। जिसमें सामाजिक ,राजनैतिक ,मनोरंजक बहुत सी कहानियां हैं जैसे मौत की एक रात ,बोलती चिंगारी ,नेता जी तीन में न तेरह में ,अंतिम इच्छा जैसी कहानियों को पाठक वर्ग ने बहुत पसंद किया।"सैर सपाटा " सीरीज बच्चों केलिए ख़ास तौर पे तैयार की गई इस पुस्तक में भी कई रोचक कहानियां हैं जो आधुनिक सामाजिक परिवेश के हिसाब से जंगली जीव जंतुओं के माध्यम से भर पूर मनोरंजन करती है साथ ही जीवन के नैतिक मूल्यों पर बल देती है। सामान्य पाठक इन कहानियों के माध्यम से स्वयं को जोड़ कर देख पाता है। ये पुस्तक दो भाग में प्रकाशित है जिसमें ३० से ज्यादा कहींयों का संग्रह है। एक और महत्वपूर्ण पुस्तक "धारणावाद: अमूर्त दर्शन" है जो मानव जीवन दर्शन पर आधारित कई आलेखों का संग्रह है जो मनुष्य के आर्थिक सामाजिक ,राजनैतिक परिदृश्य पर उसके दृष्टि कोण पर बल देती है। ये पुस्तक मानव जीवन दर्शन पर आधारित है ,जो सूक्ष्म रूप से मनुष्य जीवन के धारणा पक्ष की विवेचना करती है ,आलेख ,प्रेरक विचार के माध्यम से ,आध्यात्मिक ,भौतिक ,विज्ञान तथा वर्तमान राजनीती पर केंद्रित है।इस पुस्तक के लेखन का उद्देश्य ;मनुष्य को वैचारिक ,सांस्कृतिक ,आध्यात्मिक ,राजनैतिक दृष्टिकोण से समुन्नत बनाना है।कुछ अन्य पुस्तकें हैं जैसे की: लम्पट ,आबरू ,किड्स बूस्टर ,कलर मी, नोट बुक इत्यादि। धर्मेंद्र मिश्रा की सभी पुस्तकें आपको प्रमुख ऑनलाइन स्टोर,अमेज़न ,फ्लिप कार्ट ,नोशन प्रेस पर मिल जाएँगी। धर्मेंद्र मिश्रा ऑडियो बुक क्षेत्र में भी सक्रिय हैं जिनकी कई कहानियां स्टोरी टेल, ऑडिबल इन सहित कई बड़े पॉडकास्ट ऑडियो प्लेटफार्म पर स्टोरी उपलब्ध है।अभी तक 10 से ज्यादा पुस्तकों का लेखन और प्रकाशन कर चुके हैं, हिंदी विधा में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जिस पर उनकी कलम न चली हो , उपन्यास ,कहानी , कविता ,आलेख ,प्रेरक विचार ,विज्ञान से लेकर समाज ,धर्म से लेकर काम ,अर्थ से लेकर मोक्ष ऐसा कुछ नहीं जो उनकी कलम से अछूता हो।धर्मेंद्र मिश्रा लगातार हिंदी साहित्य को समृद्ध और शसक्त बनाने केलिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं।Read more about this authorRead less about this author
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